विध्वंस !
Post date: Sep 18, 2013 9:24:32 PM
जीवन में बनी बनायी सोच ध्वस्त कर देने वाली घटनाएं होती रहनी चाहिए।
कितनी भी सुदृढ़ सोच हो ... हर समय और हालात में वो कारगर नहीं रह जाती। फिर सोच के ध्वस्त होने से नयी सोच का अंकुर फूटता है ! जितनी बुरी तरह ध्वस्त हो ... उतनी ही प्रभावी सोच जन्म लेती है.