Doomsday

Post date: Dec 28, 2012 6:07:52 PM

What's next on Doomsday dates?

वैसे होना तो है नहीं कुछ. एक बार जो सिस्टम बन गया उसको छेड़ने की हिम्मत कहाँ किसी में? फिर तो उसी फ्रेम पर सब कुछ मोल्ड होना होता है। वैसे अगर खुदा है भी तो है तो अव्वल नंबर का आलसी ही। और फिर पुराना कोड जब तक चलता रहे - किसे पड़ी है !

वैसे ग़ालिब चाचा के जमाने में भी न हो पाया था. उनके तो अकेले का न हो पाया तो हम-आप चाह के ही क्या उखाड़ लेंगे :) -

किससे महरूमी -ए-किस्मत कीजे .हम ने चाहा था कि मर जाएं सो वह भी न हुआ।

[To whom can complaint be made about being deprived of destiny? I wanted to die and even that didn't happen.]

- yesterday was Ghalib's B'day.